Tuesday, 23 June 2020

मुक्ति पाना आसान या मुश्किल

            मुक्ति पाना आसान या मुश्किल


मुक्ति पाना आज के जीवन में जितना मुश्किल है उतना ही आसान है।
लेकिन उसके लिए चाहिए हमें शास्त्रों के अनुसार भक्ति विधि ।




मानुष जन्म दुर्लभ है , मिले ना बारम्बार , 
तरुवर से पत्ता टूट गिरे , बहुर न लगता डार।

न जाने लाखों योनियों से गुजरकर हमे ये दुर्लभ मनुष्य का जीवन मिला जिसे हम यूं ही बर्बाद किए जा रहे है जैसे -  भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, दहेज, नशाखोरी,दुराचार आदि में व्यर्थ गवा रहे है।

हमे आज के युग में जहां  भक्ति मुक्ति की राह को खोजना चाहिए वहीं हम आज समाज में व्याप्त बुराइयों की ओर अग्रसर होते जा रहे हैं।

परमात्मा ने हमें मनुष्य का जीवन इस जन्म मरण के जाल से मुक्त होने के लिए दिया है ना कि इसे नशे रूपी मायाजाल में लिप्त रहने के लिए।

लेकिन आज के इन नकली संतो कि भक्ति विधि से मोक्ष संभव नहीं है उसके लिए हमे चाहिए सतभक्ती वो भी उस तत्वदर्शी संत के द्वारा जिसका वर्णन गीता जी में किया गया है



मोक्ष केवल पूर्ण गुरु की शरण में जाने से हो सकता हैं जिसका वर्णन गीता जी में किया गया है- 


                      कौन है वो पूर्ण संत -

संत रामपाल जी महाराज ही वो पूर्ण गुरू है जो गीता जी में बताए गए उल्टे लटके वृक्ष के जड़ सहित  सभी भागों का वर्णन अपने तत्वज्ञान से करते हैं जिसका वर्णन आज तक प्रथ्वी पर  कोई भी संत नहीं कर सका।





संत रामपाल जी ही एकमात्र ऐसे संत है जिन्होंने हमारे 

सद्ग्रंथो जैसे -  गीताजी , कुरान सरीफ, बाईबल, पुराणों तथा वेदों को खोलकर उन पर अंगुली रखकर एक - एक शब्द का भेद बताया है तथा सर्व प्रमाणों से ये सिद्ध किया है कि कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा है।



संत रामपाल जी से नाम दीक्षा लेकर आज लाखो लोग नशे , दहेज , रिश्वत खोरी तथा भ्रष्टाचार का त्याग कर चुके है 

संत  रामपाल जी ने अपने  तत्वज्ञान से सतलोक उस शाश्वत लोक का भेद बताया है जहां जाने के बाद मनुष्य वापस जन्म मरण के चक्कर में नहीं रहता।

आज संत रामपाल जी की शरण में आकर  लाखो लोग शास्त्रानुकूल सतभक्ति कर रहे तथा इस काल के लोक से अपना पिछा छुडवा रहे हैं।


आज इस विश्व में संत रामपाल जी ही वो एकमात्र संत जिसके शरण में जाकर मनुष्य मोक्ष प्राप्त कर सकता है

Wednesday, 17 June 2020

Janmastami : lord Krishna


  • भगवान श्री कृष्ण

भगवान श्री कृष्ण हिन्दुओं के देवों में सर्वश्रेष्ठ देवता माने तथा पूजे जाते हैं ये भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में पूजे जाते हैं, इनका जन्म मथुरा के के कारावास में माता देवकी के गर्भ से हुआ तथा इनके पिता का नाम वसुदेव था इनका लालन पालन माता यशोदा तथा पिता नंदलाल के द्वारा गोकुल में गांव में हुआ इन्हीं के जन्म के शुभ अवसर को हर वर्ष जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।


  • कबीर परमात्मा

कबीर परमात्मा का जन्म मा के गृभ से नही हुआ वो लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर प्रकट हुए तथा एक निसंतान दंपति नीरू तथा नीमा को मिले।


पूर्ण परमात्मा का जन्म मा के गर्भ से नहीं होता वो सीधे प्रथ्वी पर प्रकट होकर अपनी लीला करते हैं।

श्री कृष्ण द्वारा  कि गई लीलाएं
1.श्री कृष्ण द्वारा कारावास के ताले तोड़कर बाहर आना।
भगवान कृष्ण को उनके मामा कंश द्वारा कई बार मारने कि कोशिश की गई उसी प्रकार कबीर परमेश्वर को भी शेखतखी द्वारा 52 बार मारने का प्रयास किया गया।
जैसे-  पूतना , कागासुर, ऐसे ही अनेकों बार कंश ने  व्यर्थ प्रयत्न करें

इसी प्रकार कबीर परमात्मा को भी शेखतखी ने खूनी हाथी के सामने डालना, कुएं में डलवाना, पेड़ पर बांधकर तीर छोड़ना , नदी में फेंकना, गले में सांप डालना जिसको परमात्मा ने फूलो की माला बना दिया ऐसे ही अनेकों प्रयास किए गए।

भगवान कृष्ण द्वारा राजा मोरध्वज के बेटे ताम्रध्वज को जीवित करना।

कबीर परमात्मा ने शेखतकी की बेटी कमाली तथा कमाल नाम के युवक को जीवित किया गया

भगवान कृष्ण 16 कलाओ के भगवान थे जबकि कबीर परमेश्वर असंख्य कलाओं के भगवान है।

श्री कृष्ण द्वारा सुदामा को एक पीढ़ी का राज देना जबकि कबीर परमात्मा ने तेमुरलग को सात पीढ़ी का राज देना ।

श्री कृष्ण जन्म मरन के जाल से तथा प्रारब्ध  के क्रम से मुक्तनहीं कर सकते तभी श्री कृष्ण को अपने राम अवतार के प्रारब्ध को श्री कृष्ण अवतार के समय भोगना पड़ा
श्री राम ने छल से बाली को मारा था जिसका बदला उन्हें श्री कृष्ण रूप में चुकाना पड़ा तथा श्री कृष्ण अवतार के समय में बाली ने एक शिकारी के रूप श्री कृष्ण को विषेला तीर मारकर अपनी मौत का बदला लिया जिससे श्री कृष्ण की मृत्यु हुई

लेकिन पूर्ण परमात्मा की मृत्यु नहीं होती वे सशरीर आते है ओर स जाते हैं उनकी मृत्यु नहीं होती हैं





Tuesday, 9 June 2020

bible

                    पवित्र  बाईबल

सृष्टि रचना का प्रमाण

पवित्र बाईबल के  उत्पति ग्रंथ पृष्ठ न.2 पर, अध्याय 1:20 - 2:5 परप्रमाण है कि परमेश्वर ने हम मनुष्यों को अपने स्वरूप व समानता में बनाया है,तथा नर ओर नारी करके मनुष्यों की सृष्टि की।
तथा ये प्रमाण है कि परमेश्वर ने छ: दिन में सृष्टि की रचना करके सातवें दिन विश्राम किया

  परमात्मा साकार है 

पवित्र बाईबल में प्रमाण हैं कि परमात्मा साकार है तथा मनुष्य सदर्श है
तथा उसने मनुष्य को अपना स्वरूप दिया है


पवित्र बाईबल के अनुसार पूर्ण परमात्मा कौन 

पवित्र बाईबल में प्रमाण हैं कि पूर्ण परमात्मा वो है जिसका ना जन्म होता है ओर ना ही मृत्यु होती है 
लेकिन बाईबल में बताया गया है कि यीशु का जन्म मां मरियम के ग्रभ से हुआ है ओर मौत भी हुई थी
इस प्रकार ये स्पष्ट है कि वो कबीर परमात्मा है जिनका ना जन्म होता है ओर ना मृत्यु होती हैं
जिन्होंने छ: दिन में सृष्टि रचकर सातवें दिन सतलोक में विश्राम किया।
पवित्र बाईबल के अनुसार कबीर साहेब जी पूर्ण परमात्मा है जिसने सृष्टि की उत्पत्ति की।


पवित्र बाईबल में मांश खाना निषेध


बाईबल में परमात्मा ने कहा कि उसने मनुष्यों के खाने के लिए फल , फूल , पेड़ ,  बीज आदि वस्तुएं बनाई है तथा मनुष्यों को शाकाहार के लिए प्रेरित किया है।
आज तक ऐसा होता आया है जिसने सत्य का साथ दिया है उसके साथ अन्याय होता आया है
जिस प्रकार लोगो द्वारा जीसस का विरोध किया गया आज उसी तरह संत रामपाल जी का विरोध किया जा रहा है
जो हमे शास्त्र प्रमाणित साधना बताते है तथा समाज में व्याप्त अनेकों बुराइयों का नाश कर रहे हैं
जिन्होंने हमे शाकाहार करने एवं नशा नहीं करने को प्रेरित किया है
तथा दहेज मुक्ति एवं भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण का बीड़ा उठाया है।