Wednesday, 5 August 2020

गोवर्धन पूजा के फायदे

                गोवर्धन पूजा के फायदे

दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती हैं 

श्री कृष्ण ने इन्द्र के प्रकोप से गोकुलवासियों को बचाने के लिए अपनी अंगुली पर  गोवर्धन पर्वत उठाकर सभी ग्रामवासियों को भारी बरसात से बचाया था जिसके बाद से उस दिन को गोबर के रूप में गोवर्धन पूजा की जाती हैं  
श्री कृष्ण ने गोकुलवासियों को  इन्द्र की पूजा न करके गोवर्धन  पर्वत की पूजा के लिए कहा कि ये पर्वत हमे खाने के लिए अन्न तथा पीने के लिए पानी देता है इसलिए हमे इनकी पूजा करनी चाहिए।

इस प्रकार श्री कृष्ण ने हमे संसार के  सभी जीवो व प्राणियों के रक्षा एवं सम्मान के लिए प्रेरित किया है।

लेकिन आज लोगो ने इसे पाखंडवाद का एक माध्यम  बना दिया है 

श्री कृष्ण ने हमे गोवर्धन पूजा के लिए कहा लेकिन धर्म के ठेकेदारों ने उसकी जगह गोबर की पूजा शुरू करवा दी।

श्री कृष्ण ने हमे प्रकृति की समस्त वस्तुओं को रक्षा की दृष्टि से देखने व उनसे खिलवाड़ न करने के लिए प्रेरित किया है।

उन्होंने हमे शिक्षा दी कि संकट के समय प्रकृति कि हर एक वस्तु सहायक होती है इसलिए हमे इनसे छेड़छाड़ न करके इनका सम्मान करना चाहिए

इस प्रकार संत रामपाल जी महाराज भी अपने अनुयायियों को ये कहते हैं कि धरती पर हम मालिक नहीं मेहमान है तथा हमें यहां से भक्ति करके सतलोक चलना तो हम सभी के साथ प्रेम भाव से रहना  तथा प्रकति के साथ खिलवाड़ नहीं करना  ।

संत जी हमे बताते है की जब जब भी मनुष्य ने प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया है तब तब उसे अपने किये का फल  भुगतना पड़ा चाहे वो किसी भी रूप में चाहे कोई भूकम्प हो या ओलावृष्टि या कोई माहमारी किसी भी रूप में अपने किए का भोग भोगना ही पड़ता है।

संत रामपाल जी ने सभी शास्त्रों से प्रमाणित किया है  की गोवर्धन पूजा शास्त्र विरूद्ध साधना है इसका किसी भी सदग्रंथ में प्रमाण नहीं है 
तथा ये सिद्ध किया है कि  कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा परमात्मा है।